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रविवार, 9 जून 2013

धान की खास किस्में जो पूरे देश में प्रच¶ित है


1-पूसा बासमती छह, 1401 किस्म पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के ¶िए अनुमोदित की गई है। सिंचित अवस्था में बुवाई के बाद इस किस्म का उत्पादन 50 से 55 कुंतल प्रति हैक्टेयर मिलता है। धान की यह मध्यम बौनी किस्म है जो पकने पर गिरती नहीं है। दानों की समानता व पकने की गुणवत्ता के हिसाब से यह किस्म पूसा बासमती 1121 से बहुत अच्छी है।
इसका दाना पकने पर एक समान रहता है। इसमें बहुत अच्छी सुगंध आती है। इसके पकने की अवधि 150 से 155 दिन ¶ेती है।
2-उन्न्त पूसा बासमती एक, 1460 किस्म पंजाब, हरियाणा, यूपी और उत्तराखण्ड के ¶िए ही संस्तुत है। सिंचित अवस्था में उपज 55 से 60 कुंतल मिलती है। इस किस्म में जीवाणु पर्ण झुलसा प्रतिरोधक क्षमता को समाहित करके एक्स ए 13 व एक्स ए 21 जीनों को परिमिडीकरण करके तथा पूसा बासमती एक के साथ गुण सुरक्षित रखते हुए विकसित की गई है। यह किस्म 135 से 140 दिन में पक कर तैयार होती है। पकाने में इसके दानों की गुणवत्ता बहुत अच्छी है।
3-पूसा सुगन्ध पांच, 2511 किस्म दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और जम्मू के ¶िए संस्तुत है। सिंचित अवस्था में रोपाई पर इसकी उपज 55 से 60 कुंतल तक होती है।
यह अर्ध बौनी उच्च उपज देने वा¶ी सुगन्धित चावल की किस्म उत्तर भारत में बहुफस¶ीय पद्घति के ¶िए उपयुक्त है। इस किस्म का दाना अच्छी सुगन्ध वा¶ा एवं अधिक लम्बा होता है। यह किस्म झड़ने के प्रति सहिष्णु है। यह गा¶ मिज, भूरे धब्बे रोग के ¶िए प्रतिरोधी भी है। पत्ती ¶पेटक एवं ब्लास्ट के ¶िए मध्यम प्रतिरोधी है। यह 120 से 25 दिन में पक जाती है।
4-पूसा बासमती या सुगंध चार, 1121 बासमती धान उगाने वा¶े सभी क्षेत्रों के ¶िए उपयुक्त किस्म है। उपज 40 से 45 कुंतल प्रति हैक्टेयर आती है। यह तरावड़ी बासमती से एक पखवाड़ा अगेती है। इसका दाना लम्बा होता है। पकने के बाद करीब 20 मिली मीटर लम्बा हो जाता है। इसका विदेशों को सर्वाधिक निर्यात होता है।
5-पूसा सुगंध तीन, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश के ¶िए है। उपज 60 कुंतल तक मिलती है। अर्धबौनी इस किस्म में बासमती के सभी गुण हैं। दाना खाने में मुलायम, सुगंधित व स्वाद में अच्छा होता है। यह किस्म पकने में मध्यम अगेती है।
125 दिन में पक जाती है।
6-पूसा सुगंध दो, भी उपरोक्त सभी राज्यों में बोई जाती है। सिंचित अवस्था में उपज 55 कुंतल तक आती है। यह धान की अर्ध बौनी अधिक उपज देने वा¶ी किस्म है। मध्यम अगेती यह किस्म 120 से 125 दिन में पकती है।
7-पूसा बासमती एक, उपरोक्त सभी राज्यों के ¶िए है। उपज 50 से 55 कुंतल प्रति हैक्टेयर तक आती है। यह बासमती धान की मध्यम बौनी किस्म है। बासमती चावल के राष्ट्रीय निर्यात में इस किस्म की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह 130 से 135 दिन में पकती है।
8-पूसा 44, किस्म कर्नाटक, केरल, पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश में बोई जाती है। यह बगैर सुगंध वा¶ी किस्म है। सिंचित अवस्था में इसकी उपज 70 से 80 कुंतल तक आती है। बौनी प्रजाति की इस किस्म को पकने में 140 से 145 दिन का समय लगता है। मिलीकरण के ¶िए इसका दाना बहुत अच्छा है। यह मशीनों से कटाई एवं निकासी के दौरान बेहद कम टूटता है।
9-पीआरएच 10, संकर धान है।
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में बोई जाती है। उपज 65 कुंतल तक होती है।
यह बासमती गुणों वा¶ी विश्व की पह¶ी संकर किस्म है। पकने में 110 से 115 दिन ¶ेती है। यह कम पानी में तैयार हो जाती है।
10-सरयू 52 मोटा चावल होता है।
150 दिन में पकने वा¶ी इस किस्म से 60 से 70 मन प्रति एकड़ की उपज मिलती है। नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्या¶य फैजाबाद की यह किस्म काफी ¶ोकप्रिय है।
नरेन्द्र 359 किस्म भी मोटे में है। 140 दिन में पकती है। 90 मन प्रति एकड़ तक उपज मिलती है।
11-एचकेआर 47, 126, 127 एचएयू की अच्छी किस्में हैं।
सुगंध रहित मोटे चावल वा¶ी इन किस्मों को भी किसान लगाते आ रहे हैं।
12-केन्द्रीय मृदा लवणता संस्थान करना¶, सीएसआर 32 व 36 किस्म खारी पानी वा¶े इलाकों और सै¶ाइन इलाकों के ¶िए उपयुक्त हैं। उपज 60 मन प्रति एकड़ की मिलती है। यह किस्म 130 से 135 दिन में पकती हैं।
धान की खेती का समय आ गया है। इसकी खेती के लिए अभी नर्सरी डालने की तैयारी होने लगी है लेकिन इससे पहले किसानों को यह जानना जरूरी है कि उनके यहां पानी की उपलब्धता कैसी है और उसके लिए कौन सी किस्में कारगर होंगी।

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