नर्सरी तैयार करने के लिए सिमवृद्धि जैसी किस्म का चयन करें। सीमैप लखनऊ से इसके पौधे भी बेहद सस्ती दर पर दिए जाते हैं। खेत की ठीक से जुताई करने के बाद प्रति एकड़ की दर से पांच कुंतल जिप्सम मिला देनी चाहिए। खेत में पौधे लगाने के दो दिन बाद पौधों की सिंचाई कर देनी चाहिए। बरसात के मौसम को छोड़कर हर 15-20 दिन में सिंचाई करते रहनी चाहिए। रोपाई के समय डीएपी, यूनिया व पोटाश आवश्क रूप से जुताई के दौरान मिला दें। इसकी खेती ज्यादा पानी वाले इलाकों में भी की जा सकती है। जल भराव वाले इलाकों में इसकी खेती करने पर इसकी जड़ों से तेल की मात्रा ज्यादा मिलती है। अच्छा तेल पाने के लिए इसकी जड़ों की खुदाई तेजी से करने वाली मशीन से करानी चाहिए। खस के तेल की बाजार में अच्छी मांग है लेकिन किसानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इसकी प्रोसेसिंग यूनिट उनसे कितनी दूरी पर है। |
किसान भाइयों को अत्याधुनिक खेती की तकनीकों की जानकारी मिलने का सरल साधन।
रविवार, 9 जून 2013
कृषि टिप्स करें खस की खेती
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें