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रविवार, 9 जून 2013

बोरान बढ़ाता है उपज


कद्दूवर्गीय फसलों में बोरान के छिड़काव से काफी लाभ होता है।
झरखण्ड आदि कई राज्यों में खीरे की फसल पर 25 पीपीएम मात्रा के तीन छिड़काव बोरॉन के करने से फसल में, फलों के आकार में एवं बेल के विकास में लाभ होता है।
ऐसा पाया गया कि जिन बेलों पर बोरिक अम्ल का छिड़काव किया गया उनमें फलों की वृद्धि10.5 प्रति बेल से बढ़कर 12.2 तक हो गई। फलों का औसत भार 368 ग्राम से बढ़कर 412 ग्राम हो गया। जिन खेतों में बोरिक ऐसिड छिड़का गया उनकी उपज 62.5 टन एवं जिनमें नहीं छिड़का गया, उनकी उपज 48.6 टन प्रति हेक्टेयर आई। एक प्रतिशत यूरिया के घोल के साथ बोरान का छिड़काव बेहद कारगर रहता है। इसी तरह अन्य तत्वों का भी प्रयोग किया जा सकता है। अहम बात यह है कि जिन इलाकों में जिन तत्वों की कमी है उनकी पूर्ति के लिए भी फसलों पर उनका प्रयोग किया जा सकता है।

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