रक्त में पर्याप्त पाए जाने पर भी हड्डियाँ हो सकती हैं कमजोर
मथुरा। शरीर रक्त में कै ल्सियम बनाए रखता है लकिन इसके बाद भी अस्थियां जो कैल्सियम की डिपो होती हैं, कमजोर हो सकती हैं। मनुष्य व पशु इसके कुप्रभावों से अछूते नहीं। पशुओं पर इसका दुष्प्रभाव शरीर में ज्यादा बजन होने के कारण जल्दी दिखता है। इसका नुकसान भी पशुपालक उठाते हैं। वैटरिनरी विश्व विद्यालय के कोठारी हॉस्पीटल में कार्यरत सर्जन डा. आर.पी. पाण्डेय शरीर के लिए कैल्सियम को बहुत जरूरी तत्व मानते हैं। उन्होंने बताया कि ईश्वर ने शरीर का सिस्टम ऐसा बनाया है कि वह हल्की फुल्की जरूरतों को रक्त में मैनेज करता रहता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी मरीज के रक्त में कैल्सियम पूरा होने से अस्थियां मजबूत हों यह नहीं माना जा सकता। उन्होंने बताया कि हड्डियां कैल्सियम की डिपो होती हैं। जब शरीर में इस तत्व की कमी होती है तो खून में इसकी उपलब्धता ठीक पाये जाने पर भी होती है। अस्थियों में मौजूद डिपो में कैल्सियम की कमी मोटे लोगों और बजनी पशु दोनों के लिए घातक होती है। इस कमी से ग्रसित लोग जरा सा फिसलने पर ही अपने शरीर में फै्रक्चर के शिकार होते हैं। हड्डियाँ इतनी कमजोर हो जाती हैं कि एक झटके में कई कई जगह से टूटती हैं। इनके टूटने के स्थान कूल्हे आदि ज्वायंट वाले स्थान प्रमुख होने से लोगों को ठीक होने में भी बड़ी परेशानी होती है।
पशुओं को कैल्सियम की कमी से कैसे बचाएं
मथुरा। डा. पाण्डे ने बताया कि उनके पास बहुत ही स्वस्थ पशु भी आते हैं। पिछले महीने में दो गाय बहुत बजनी और स्वस्थ दिखने वाली आर्इं। शरीर में बजन ज्यादा होने से यह दोनों फिसलीं। 24 लीटर प्रतिदिन करीब दूध देने वाली इन गायों के कैल्सियम की कमी के चलते कूल्हे टूट गये। इन्हें हम इस लिये ठीक नहीं कर पाए क्योंकि शरीर बजनी होने के कारण वह तीन पैरों पर भी खड़ी नहीं हो पार्इं। इनके शरीर की हड्डियां स्वस्थ दिखने के बाद भी भंगुर हो चुकी थीं। इस लिए पशुपालक हर दिन एक मुट्ठी खड़िया और इतना ही नमक हर पशु को हर दिन दें।
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