बीज की रिकॉर्ड बिक्री से सस्ती हुई प्याज
मथुरा। एक पखवाडे़ पूर्व तक रुलाने वाली प्याज की कीमतें जमीन पर आ गई हैं। कीमतें बहुत सस्ती होने की संभावना है। इसके कई कारण हैं। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ज्यादा मांग के चलते पिछले सीजन में प्याज का बीज 200 रुपए प्रति किलोग्राम से एक हजार रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया। इस बीज से तैयार फसल बाजार में आने लगी है। दिल्ली के थोक कारोबारियों ने इसबार पिछले सालों से करीब 30 प्रतिशत ज्यादा बीज बेचा है।
स्थानीय बाजार हो या दिल्ली मण्डी, दोनांे जगह बीज को लेकर मारा मारी रही। मथुरा के मलिक बीज भण्डार के मालिक ने बताया कि अक्टूबर से नवंबर के पहले हफ्ते तक उन्होंने 200 से 600 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बीज बेचा। इसके बाद दिल्ली में बीज एक हजार रुपए तक पहुंच गया। इसे उन्होंने इस लिए नहीं मंगाया कि इस तरह के हालात में बीज अच्छा नहीं आता और किसानों की शिकायत आने लगती है। कृष्णा सीड के मालिक ने बताया कि उनके यहां भी प्याज के बीज की बेहद मांग रही। पिछले सीजन से इसबार करीब 30 प्रतिशत ज्यादा बीज बिका। दो माह तक उन्हें किसान लौटाने पडे़। इसका कारण यह था कि बाद में जर्मिनेशन आदि की दिक्क्तों के चलते कारोबार प्रभावित होता है।
देहली सीड दिल्ली के मालिक रबी ने फोन पर बताया कि उनके यहां प्याज का काम ज्यादा नहीं होता। इसके बाद भी बहुत मांग रही। बीज की ज्यादा बिकवाली का असर फसल के उत्पादन पर पडे़ेगा। नासिक मण्डी में इसका असर अभी से दिखने लगा है। एक पखवाडे़ पूर्व 40 रुपए प्रति किलो बिक रही प्याज खुदरा बाजार में 20 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रही है। मण्डी मंे इसकी कीमतें काफी कम हैं। किसान सुधीर अग्रवाल ने बताया कि प्याज का बीज दो सीजनों में बनता है। एक मार्च अप्रेल में दूसरा अक्टूबर. नवंबर में। अक्टूबर वाला बीज इसलिए कम बना क्योंकि ज्यादा बरसात से फसल बर्बाद हो गई। इसका असर बीज के उत्पादन पर भी पड़ा। प्याज पर तेजी के चलते किसानों ने इसबार इसकी खेती हर इलाके में पिछले सालों के मुकाबले काफी ज्यादा की है।
मथुरा। एक पखवाडे़ पूर्व तक रुलाने वाली प्याज की कीमतें जमीन पर आ गई हैं। कीमतें बहुत सस्ती होने की संभावना है। इसके कई कारण हैं। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ज्यादा मांग के चलते पिछले सीजन में प्याज का बीज 200 रुपए प्रति किलोग्राम से एक हजार रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया। इस बीज से तैयार फसल बाजार में आने लगी है। दिल्ली के थोक कारोबारियों ने इसबार पिछले सालों से करीब 30 प्रतिशत ज्यादा बीज बेचा है।
स्थानीय बाजार हो या दिल्ली मण्डी, दोनांे जगह बीज को लेकर मारा मारी रही। मथुरा के मलिक बीज भण्डार के मालिक ने बताया कि अक्टूबर से नवंबर के पहले हफ्ते तक उन्होंने 200 से 600 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बीज बेचा। इसके बाद दिल्ली में बीज एक हजार रुपए तक पहुंच गया। इसे उन्होंने इस लिए नहीं मंगाया कि इस तरह के हालात में बीज अच्छा नहीं आता और किसानों की शिकायत आने लगती है। कृष्णा सीड के मालिक ने बताया कि उनके यहां भी प्याज के बीज की बेहद मांग रही। पिछले सीजन से इसबार करीब 30 प्रतिशत ज्यादा बीज बिका। दो माह तक उन्हें किसान लौटाने पडे़। इसका कारण यह था कि बाद में जर्मिनेशन आदि की दिक्क्तों के चलते कारोबार प्रभावित होता है।
देहली सीड दिल्ली के मालिक रबी ने फोन पर बताया कि उनके यहां प्याज का काम ज्यादा नहीं होता। इसके बाद भी बहुत मांग रही। बीज की ज्यादा बिकवाली का असर फसल के उत्पादन पर पडे़ेगा। नासिक मण्डी में इसका असर अभी से दिखने लगा है। एक पखवाडे़ पूर्व 40 रुपए प्रति किलो बिक रही प्याज खुदरा बाजार में 20 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रही है। मण्डी मंे इसकी कीमतें काफी कम हैं। किसान सुधीर अग्रवाल ने बताया कि प्याज का बीज दो सीजनों में बनता है। एक मार्च अप्रेल में दूसरा अक्टूबर. नवंबर में। अक्टूबर वाला बीज इसलिए कम बना क्योंकि ज्यादा बरसात से फसल बर्बाद हो गई। इसका असर बीज के उत्पादन पर भी पड़ा। प्याज पर तेजी के चलते किसानों ने इसबार इसकी खेती हर इलाके में पिछले सालों के मुकाबले काफी ज्यादा की है।
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