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रविवार, 13 मार्च 2011

अपराधियों को दबोचेगा सिटी सर्विलांस

एक जगह बैठकर शहर के प्रमुख उद्योग, होटल, बैंक आदि पर रखी जा सकेगी नजर
दिलीप कुमार यादव/
मथुरा। मुंबई हमले के बाद एक नये कॉन्सेप्ट पर काम हो रहा है। वह दिन दूर नहीं जब पूरे शहर की गतिविधियों पर एक कमरे में बैठकर नजर रखी जा सकेगी। राहजनी से लेकर लूट-पाट तक की रिकॉर्डिंंग कंट्रोल रूम पर मौजूद होगी। मुंबई में भले ही इस दिशा में चर्चा हो कर रह गई लेकिन मथुरा में सिटी सर्विलांस पर काम शुरू हो गया है। 
आप अचरज करेंगे कि छोटे शहरों की प्रमुख इमारतों, बैंकों, बाजारों, प्रतिष्ठानों, स्कूलों पर एक साथ नजर रखी जा सकेगी। इस सपने को साकार करने जा रहे हैं एमिटी इलेक्ट्रानिक्स के मालिक एवं नेशनल ट्रेड फेयर में चार बार प्रथम पुरस्कार विजेता दुष्यंत अग्रवाल। उन्होंने बताया कि वह अधिकतम 40 लाख रुपए में शहर के हर मुख्य स्थलों पर हर पल नजर रख पायेंगे। अभी  उनका कार्य करीब 35 किलोमीटर में फैली श्रीग्रुप की साइडों पर चल रहा है। जीपीआरएस सिस्टम के जरिए श्रीकृष्ण जन्मस्थान सहित दर्जन भर स्थलों की हर पल की रिकार्डिंग वह आनलाइन कर चुके हैं। इस सिस्टम से कनेक्ट लोग किसी भी  समय की स्थिति की विजुअल तस्बीर इण्टर नेट के जरिए कहीं भी  देख पाते हैं।
उन्होंने बताया कि मुंबई में ताज होटल पर आतंकी हमले के बाद सिटी सर्विलांस सिस्टम की चर्चाएं शुरू हुर्इं। उन्होंने इन चर्चाओं को साकार करने की दिशा में काम शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि शहर में गाहे बगाहे लाखों रुपए की चांदी लूट, बैंक चोरी, बाइक चोरी, हत्या आदि अनेक हृदय विदारक वारदातों को अपराधी अंजाम दे जाते हैं। अपराध का टेÑन्ड इतना बदल गया है कि हर दिन नये गेंग बनते बिगड़ते हैं। इससे पुलिस को भी  वारदात खोलने में दिक्कत होती है।
उन्होंने बताया कि यह सिस्टम कैमरों की मदद से काम करेगा। एक मुख्य कैमरा 400 मीटर तक की हर गतिविधि की साफ तस्वीर दे देता है। यह इमेज वायरलैस के जरिये सभी  स्थानों से कंट्रोल रूम तक पहुँचती हैं। यहां बैठा एक व्यक्ति इनपर नजर रख सकता है। प्राप्त रिकार्डिंगों को सुरक्षित कर सकता है। उन्होंने बताया कि कैमरे की दिशा कभी  भी कंट्रोल रूम में बैठे बैठे ही बदली जा सकती है। यदि कोई जनप्रतिनिधि या समाजसेवी तैयार हो जाये तो वह इस सपने शहर वासियों की सुरक्षा के लिये साकार कर सकते हैं।

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