अपने आस-पास बहुत सी वनस्पतियां पाई जाती हैं। इनमें से कुछ के गुणधर्मो के बारे में हम परिचित होते हैं तो बहुत-सी ऐसी भी होती हैं जिनके बारे में हमें कोई जानकारी ही नहीं होती। उनमें से कुछ बहुत उपयोग की होती हैं, लेकिन इनके उपयोग और उपयोग की विधि के बारे में हमें जानकारी नहीं होती। ऐसी ही कुछ वनस्पतियां हैं जिन्हें हम अपने खेती-बाड़ी में कीटनाशक के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। उन्हें कैसे प्रयोग करें इस बारे में बता रहे हैं कृषि विशेषज्ञ भूपेंद्र चतुव्रेदी. नीम से कृषि कीटनाशक यह बात सर्वविदित हैं कि नीम अच्छा कीटनाशक है, लेकिन इसका प्रयोग अधिकतर फोड़े-फुंसी के इलाज या अधिक से अधिक दातुन आदि में ही किया जाता है। यह कम लोग ही जानते हैं कि इसे हम कृषि कीटनाशकके रूप में प्रयोग करके अपनी फसल को कीटों से बचा सकते हैं। इसके प्रयोग से हमारी फसल जहरीली नहीं होती है जिससे उसका उपभोग करने वालों को स्वस्थ जीवन मिलता है, दूसरे इसके प्रयोग करने से आज के महंगाई के दौर में कीटनाशकों पर होने वाले भारी खर्चे से बचा जा सकता है। नीम गिरी का सत कीटों के अण्डों व लार्वा को बढ़ने से रोकने के साथ ही कीटों के विकास को भी रोकता है। इसके अलावा यह जीवाणुओं को नष्ट कर उन पर अंकुश लगाता है। इसे बनाने के लिए निबौरी(नीम गिरी) तेल, खली व पत्तियों का प्रयोग किया जाता है.. नीम की पत्तियों से सत् निर्माण पत्ती खाने वाले कीटों के लिए यह अधिक प्रभावी रहता है। इसका सत् बनाकर प्रयोग किया जाता है। पांच लीटर सत बनाने के लिए एक किग्रा ताजी हरी पत्तियों की आवश्यकता होती है। इन पत्तियों को रातभर के लिए पानी में भिगो दें इसके बाद इन्हें पीस लें। इसमें एक एमएल बाल धोने का शैम्पू मिला लें और पेस्त तैयार कर लें। प्रति हैक्टेयर खेत के लिए 80किग्रा पत्तियों की आवश्यकता होती है। नीम की खली से सत् निर्माण एक लीटर सत बनाने के लिए 100 ग्राम खली को पतले कपड़े में बांधकर रातभर पानी में भिगोएं। अगले दिन इस खली कापे मसलकर इस घोल को छान लें।
इस घोल में एक एमएल शैम्पू मिलाकर इसे फसल पर छिड़काव कर सकते हैं। टहनियों से कीटनाशक निर्माण दस बारह किलोग्राम नीम की छोटी टहनियों को 200 लीटर पानी में एक हञ्जते तक भिागोकर रखें। जब पानी का रंग पीला हो जाए तब उसे छान लें और उसे इतना फेंटें कि शैम्पू जैसा झग बन जाए। यह अच्छा कुदरती कीटनाशक बन जाता है। कीटनाशक फीचर डेस्क सावधानी: नीम से बने कीटनाशकों का प्रयोग सूर्यास्त के बाद ही करना चाहिए क्योंकि सूर्य की किरणों से इसका असर कम हो जाता है और यह कीटों का नाश करने में असमर्थ हो जाता है। कल्पतरु एक्सप्रेस से साभार
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