वैज्ञानिकों ने धान की पारम्परिक किस्म कसलथ से फॉस्फोरस स्टारवेशिन टॉलरेंट जीन की पहचान की है। इस जीन के कारण धान की फसल में कम फॉस्फोरस से ही अच्छी उपज मिलती है। इस जीन की मदद से अन्य किस्मों में फॉस्फोरस की खपत में कमी का काम आगे बढ़ रहा है। यह किसानों के लिए शुभ संकेत है। विश्व के कई देशों में इस तरह के प्रयोग हो रहे हैं। भारतीय मौसम में इस तरह के जीन से उपज में 50 फीसदी तक इजाफा होने की संभावना जताई जा रही है। |
किसान भाइयों को अत्याधुनिक खेती की तकनीकों की जानकारी मिलने का सरल साधन।
रविवार, 9 जून 2013
फॉस्फोरस की कमी पूरा करेगा जीन अनुसंधान
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