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रविवार, 9 जून 2013

फॉस्फोरस की कमी पूरा करेगा जीन अनुसंधान


विश्व के उर्वरकों का उपयोग 19 प्रतिशत अकेले भारत में होता है। भारत के मृदा सव्रेक्षण अध्ययनों से ज्ञात हुआ है कि केवल 1.9 प्रतिशत मिट्टी में फॉस्फोरस का उच्च स्तर है। बाकी जगह इसकी मांग और आवश्यकता दोनों हैं। पौध की बढ़वार में इस तत्व का अहम योगदान है। अभी तक विश्व के कुछ देशों में मौजूद फॉस्फोरस चट्टानों से इसकी पूर्ति हो रही है लेकिन आने वाले कल में इसकी कमी होनी तय है। भारत में हर फसल सीजन में फॉस्फोरस मुख्य तत्व वाले डीएपी की कमी होने लगती है।
वैज्ञानिकों ने धान की पारम्परिक किस्म कसलथ से फॉस्फोरस स्टारवेशिन टॉलरेंट जीन की पहचान की है।
इस जीन के कारण धान की फसल में कम फॉस्फोरस से ही अच्छी उपज मिलती है। इस जीन की मदद से अन्य किस्मों में फॉस्फोरस की खपत में कमी का काम आगे बढ़ रहा है। यह किसानों के लिए शुभ संकेत है। विश्व के कई देशों में इस तरह के प्रयोग हो रहे हैं। भारतीय मौसम में इस तरह के जीन से उपज में 50 फीसदी तक इजाफा होने की संभावना जताई जा रही है।

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